Uranus Facts in Hindi - दोस्तों आज हम आपको अरुण ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे। यूरेनस (अरुण) सूर्य से सातवां ग्रह है। इसका नाम आकाश के ग्रीक देवता, यूरेनस के नाम पर रखा गया है, जो ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज़्यूस (बृहस्पति) के दादा और क्रोनस (शनि) के पिता थे। अरुण ग्रह को पृथ्वी की सतह से देखना मुश्किल है। पर कभी-कभी इसे रात में साफ आसमान में देखा जा सकता है। दूरबीन की मदद से इसे आसानी से देखा जा सकता है। यह सौरमंडल में सबसे ठंडे वातावरण वाला ग्रह है, जिसका न्यूनतम तापमान 49K (-224°C, -371°F) है, और इसमें एक जटिल, स्तरित बादल संरचना है। जिसमें पानी के साथ सबसे कम बादल है। यूरेनस का आंतरिक भाग मुख्य रूप से आयनों और चट्टान से बना है।
अरुण ग्रह के बारे में रोचक तथ्य - Facts about Uranus Planet in Hindi
- इसका ऑर्बिट स्लो है जो कि बिल्कुल देखने पर तारे की तरह दिखता है।
- शुरू में सर विलियम हेर्शल ने भी इसे एक कोमेंट मान लिया हेर्शल के अलावा और भी कई एस्ट्रोनोमर थे। जिन्होंने यूरेनस को गलती से तारा समझ लिया था।
- यूरेनस की डिस्कवरी से लेकर इसका इंटरनल स्ट्रक्चर एटमॉस्फेयर और क्लाइमेट बेहद ही दिलचस्प है।
- उन्होंने पाया की इस ऑब्जेक्ट का ऑर्बिट पूरी तरह से सर्कुलर था और इससे यह तथ्य सामने आया की हेर्शल द्वारा खोजी गई ऑब्जेक्ट 1 नया ग्रह है। यह कोई कॉमेंट नहीं है, क्योंकि को कॉमेट का ऑर्बिट हाईली इसेंट्रिक और इलेक्टिकल होता है।
- अरुण ग्रह की खोज अंटार्कटिका महाद्वीप की खोज से पहले हुई थी।
- अरुण ग्रह (Uranus) का नाम ग्रीक देवता के नाम पर रखा गया है। यह माना जाता है कि यूरेनस शनि के पिता थे।
- इस ग्रह पर ग्रीष्म ऋतु 42 साल लंबी होती है।
- आखिर यूरेनस में इतना सारा झुकाव कैसे आया यह आज भी हमारे लिए एक पहेली है।
- आज वैज्ञानिकों का यह मानना है इतिहास में कभी इस ग्रह की टक्कर पृथ्वी के आकार के ग्रह से हुई होगी और वह टक्कर इतनी भयानक रही होगी की यूरेनस की एक्सेस ऑफ रोटेशन 98 डिग्री तक झुक गया।
- यूरेनस अपने एक्सेस पर 97 घंटे 14 मिनट में एक चक्कर पूरा करता है। ज्यादा झुकाव के कारण यूरेनस की पोलर रीजन सूर्य से ज्यादा एनर्जी प्राप्त करते है। पर फिर भी यूरेनस का इक्वेटर पोलर रीजन से ज्यादा गर्म है, ऐसा क्यों यह आज भी एक रहस्य है।
- अरुण ग्रह का एक दिन (धुरी पर चक्कर लगाने का समय) पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है।
- अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणों को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट का समय लगता है जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक है।
- अरुण ग्रह का वजन 8.681 × 10^25 kg है जो पृथ्वी के वजन से 14 गुना ज्यादा है।
- अरुण ग्रह के कुल 27 प्राकृतिक चंद्रमा (उपग्रह) है। इन सभी के नाम एलेग्जेंडर पोप और शेक्सपियर की रचनाओं के नाम पर रखा गया है। 5 चंद्रमाओं का नाम मिरांडा, टाइटेनिया, ओबेरॉन, एरियल और अम्ब्रियल है। सभी उपग्रहों में टाइटेनिया सबसे बड़ा उपग्रह है।
- वैज्ञानिक यूरेनस के इस बिहेवियर से काफी हैरान थे कि आखिर यह इतनी कम एनर्जी क्यों जनरेटर और रेडियट करता है। इसके बाद दो पॉपुलर थ्योरी सामने आई जो इसकी एक्सप्लेनेशन देती थी।
- पहली थ्योरी के अनुसार यूरेनस किसी बड़ी चीज से टकराया जिससे इसकी कोर बिखर गई और इसके अंदर छोटी बची हुई कोर रह गई और दूसरी थ्योरी के अनुसार यूरेनस के अंदर कुछ ऐसे बैरियर है जो इसकी इंटरनल हीट को बाहर नहीं आने देते।
- अरुण ग्रह का अक्षीय झुकाव 97.77 डिग्री है। इस वजह से इस पर दूसरे ग्रहों की तुलना में विपरीत प्रकार का मौसम पाया जाता है। देखने में यह किसी लुढकती हुई गेंद की तरह सूर्य की परिक्रमा करता है। 97.77 डिग्री के अदभुत अक्षीय झुकाव की वजह से अरुण ग्रह का एक ध्रुव 42 वर्षों तक सूर्य के सामने रहता है, जबकि दूसरा ध्रुव दूसरी तरफ अंधकार में रहता है। 42 वर्षो बाद दूसरा ग्रह सूर्य के सामने आता है।
Facts About Uranus in Hindi
- सौर मंडल के सभी ग्रह पश्चिम से पूरब की ओर घूमते है। लेकिन अरुण और शुक्र ग्रह ऐसे दो ग्रह है। जो पूरब से पश्चिम दिशा की ओर घूमते है।
- 13 मार्च 1781 खगोल विज्ञान का सबसे महत्तम दिन सर विलियम हेर्शल ने इस दिन यूरेनस खोजा जो कि मॉडर्न हिस्ट्री में हमारे द्वारा खोजा गया पहला ग्रह था।
- बर्लिन के एस्ट्रोनामर जॉन अलर्ट बोर्ड ने हेर्शल कि डिस्कवरी को एक मूविंग स्टार कहा और माना कि यह शनि के बाद एक सर्कुलर ऑब्जेक्ट में एक ग्रह की तरह चक्कर लगा रहा है। तो इसे ग्रह ही माना जाए ना कि एक कोमेट और जल्द ही पूरी दुनिया ने सर विलियम हेर्शल की डिस्कवरी को एक नए ग्रह की डिस्कवरी में एक्सेप्ट कर लिया।
- आगे चलकर जिसका नाम रखा गया यूरेनस प्लेनेट की खोज के बाद हेर्शल ने इसे नाम दिया जॉर्जियम सीड्स जो कि इंग्लैंड के राजा जॉर्ज थर्ड के सम्मान में रखा गया पर इस नाम को ज्यादा एक्सेप्ट नहीं किया गया। बाद में बाकी ग्रह के अनुसार इसका नाम भी रोमन मैथोलॉजर के हिसाब से यूरेनस रखा गया।
- पर हवल स्पेस टेलीस्कोप एडवांस इमेजिंग टेक्नोलॉजी अर्थ बेस टेलीस्कोप और वाइजल 2 की मदद से हमने यूरेनस के बारे में काफी कुछ जाना। Uranus पर भी अन्य गैस जायंट्स की तरह बैलेंस है।
- हालांकि यूरेनस की कोई वेलडफाइंड सरफेस नहीं है। यूरेनस के बाहरी हिस्से में गैसेस एटमॉस्फेयर है जिसमें मुख्य रूप से मॉलिक्यूल हाइड्रोजन और हीलियम है।
- वहीं दूसरी तरफ यूरेनस पर बहुत ज्यादा आईस यानी बर्फ पाई जाती है। इसके एटमॉस्फेयर में वाटर और अन्य गैसेस के आईसी क्रिस्टल पाए जाते है।
- अरुण ग्रह को officially, 1781 में Sir William Herschel द्वारा discover किया गया था।
- अरुण ग्रह के चंद्रमाओं का नाम William Shakespeare और Alexander Pope द्वारा बनाए गए characters के नाम पर रखा गया है।
- यूरेनस की हवा की गति 900 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। यह लगभग 560 मील प्रति घंटा है।
- शुक्र (Venus Planet) की तरह, यूरेनस पूर्व से पश्चिम तक घूमता है – पृथ्वी ओर अन्य ग्रहों जो करती है उसके विपरीत।
- पृथ्वी की तुलना में अरुण ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल कम है। यदि पृथ्वी पर कोई वस्तु 10 फीट की ऊंचाई पर उछलती है, तो अरुण ग्रह पर यह 11 फीट की ऊंचाई पर उछलेगी। इसी तरह यदि कोई वस्तु का भार पृथ्वी पर 100 किलो ग्राम है तो अरुण ग्रह पर 92 किलोग्राम होगा।
- अभी तक मात्र एक अंतरिक्ष यान “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की यात्रा की है। इसे 20 अगस्त 1977 को लांच किया गया था। 24 जनवरी 1986 को यह अरुण ग्रह की कक्षा में पहुंचा था। “Voyager 2” ने अरुण ग्रह की सतह से 81,000 किलोमीटर पर चक्कर लगाते हुए 12 उपग्रहों की खोज की थी। इसके साथ ही छल्लो (Ring) और उपग्रहों की अनेक तस्वीरें भेजी थी।
- यह टेंपरेचर भी 5000 केल्विन तक रहता है यूरेनस की मेंटल में पाई जाने वाली बर्फ नॉर्मल आइस नहीं है, बल्कि यह बेहद ही गर्म और फ्लूड है जो कि हाईली इलेक्ट्रिकल कंडक्टिव है।
- कभी-कभी इसे वाटर अमोनिया ओशन भी कहा जाता है। यूरेनस की अंदरूनी हिस्से की सबसे रहस्य में बात यह है कि यह दूसरी गैस जॉइंट की तरह सूर्य के मिलने वाली एनर्जी से ज्यादा एनर्जी अमिट नहीं करता।
- नेपच्यून इससे दूर होने के बावजूद भी सूर्य से मिलने वाली एनर्जी से लगभग 2.6 गुना ज्यादा एनर्जी स्पेस में रेडिएट करता है, जो साइज में यूरेनस के लगभग बराबर है।
- पर इसकी असल वजह क्या है हमारे लिए आज भी यह एक रहस्य ही है। यूरेनस की नीली अपीरियंस के कारण जुपिटर और सैटर्न के मुकाबले इसके एटमॉस्फेयर को ऑब्जर्व करना ज्यादा मुश्किल है।
- इससे “Ice Giant” भी कहा जाता है। क्योंकि यह मुख्य रूप से बर्फ से बना हुआ है। इसके बाहरी आवरण में 82.5% हाइड्रोजन 2.3% मीथेन। 15.2% हिलियम गैस है। मीथेन गैस की वजह से अरुण ग्रह का रंग नीला दिखाई देता है।
- अरुण ग्रह आयतन के हिसाब से इतना बड़ा है कि इसमें 63 पृथ्वी समा सकती है।
- अरुण ग्रह को पृथ्वी की सतह से देखना मुश्किल है। पर कभी-कभी इसे रात में साफ आसमान में देखा जा सकता है। दूरबीन की मदद से इसे आसानी से देखा जा सकता है।
Information About Uranus in Hindi
- वहीं दूसरी तरफ साउथ पोल पर 42 अर्थ ईयर तक अंधेरा छाया रहता है। इन एक्सट्रीम कंडीशन के कारण यहां दूसरे ग्रहों की तरह दिन और रात नहीं होते मतलब यहां सनराइज और सनसेट जैसी घटनाएं ही नहीं होती।
- पर एक घटना थैंक्यून एक्सेस के समय जब सूर्य इसके इक्वेटर के सामने होता है। तब कुछ समय के लिए यहां नॉर्मल दिन और रात देखने को मिलते है।
- यूरेनस नेप्चून से साइज में थोड़ा ज्यादा बढ़ा है। यह हमारे सोलर सिस्टम का दूसरा सबसे कम डेंसिटी वाला ग्रह है।
- इसकी डेंसिटी 1.27 ग्राम पर सेंटीमीटर क्यूब है। इसका भार पृथ्वी से लगभग 14.5 गुना ज्यादा है।
- अरुण ग्रह पर बादलों की अनेक परतें पाई जाती है। सबसे ऊपर मीथेन गैस पाई जाती है। अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती हो।
- अरुण ग्रह का 1 साल (सूर्य के 1 चक्कर लगाने में लगा समय) पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है।
- अरुण ग्रह सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है। यहां का न्यूनतम तापमान – 224 डिग्री सेंटीग्रेड पाया गया है।
- अरुण ग्रह का व्यास 51118 किलोमीटर है।
- अरुण ग्रह की सूर्य से दूरी 2,870,972,200 (287 करोड़) किलोमीटर है।
- अरुण ग्रह (Uranus) के नाम पर ही यूरेनियम पदार्थ का नाम रखा गया है।
- अभी तक अरुण ग्रह के 13 वलय (Ring) की खोज की जा चुकी है। यह धुंधले है जबकि शनि ग्रह के वलय चमकदार है।
- अरुण ग्रह का घनत्व 1.27 ग्राम/सेंटीमीटर³ है। शनि ग्रह के बाद यह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है। इससे यह पता चलता है कि यह विभिन्न प्रकार की बर्फ से बना हुआ है जैसे जल अमोनिया और मीथेन।
- इसने शनि ग्रह तक सिमटे हमारे सौरमंडल की सीमाओं को और आगे तक बढ़ा दिया, यह टेलिस्कोप से खोजा गया पहला ग्रह था।
- यूरेनस को हम नॉर्मल आंखों से देख सकते है पर इसे कभी भी इंसेंट ऑब्जरवेशन द्वारा प्लेनेट नहीं माना गया क्योंकि यह कम चमकता है।
- जिसे पूरी तरह से एक्सेप्ट किया गया। जोकि रोमन मैथोलॉजी में फादर ऑफ सैटर्न ग्रैंड फादर ऑफ जुपिटर माना गया है। यूरेनस हमारे सौरमंडल का सातवां ग्रह है जो कि आकार में तीसरा और भार में चौथा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यह सूर्य से लगभग तीन बिलियन किलोमीटर दूर है सूर्य की रोशनी को यूरेनस तक पहुंचने में ढाई घंटे से ज्यादा का समय लगता है पर ज्यादा दूर होने के कारण यूरेनस पर्सन लाइट की इंटरसिटी धरती के मुकाबले 400 गुना कम है।
- यूरेनस का अंदरूनी हिस्सा दो भागों से बना हुआ है सेंटर में सिलीकेट और आयरन निकल की पथरीली कोर है और इसके ऊपर मेंटल है, जो माना जाता है कि वॉटर आईएस अमोनिया और अन्य ज्वलनशील पदार्थ से बनी हुई है।
- यूरेनस की कोर भार में पृथ्वी के मुकाबले आधी है, पर मेंटल पृथ्वी से 13.5 गुना ज्यादा भारी है। मेंटल की परत लगभग 5 किलोमीटर तक मोटी है इसके सेंटर में डेंसिटी 9 ग्राम पर सेंटीमीटर क्यूब तक है और प्रेशर 8 मिलियन बार तक है।
- यूरेनस का मैग्नेटिक फील्ड भी अजीब तरह से सेंटर में ना होकर इसके एक्सेस ऑफ रोटेशन से 60 डिग्री तक झुका हुआ है जोकि आईस जेंट्स के लिए एक आम बात है।
- यूरेनस के पांच मुख्य उपग्रह का भार मिलाकर भी रिंटोन के भार से आधा है जो कि नेपच्यून का सबसे बड़ा उपग्रह है।
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