90+ Weird Facts About Kangaroo in Hindi

Facts About Kangaroo in Hindi - आज़ हम आपको कंगारू से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे। कंगारू आस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक स्तनधारी पशु है। यह आस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु भी है। कंगारू शाकाहारी, धानीप्राणी (मारसूपियल, marsupial) जीव है जो कि दूसरे स्तनधारियों के मुकाबले में अपने आप में अनोखे प्राणी है। इनकी दुनिया में चार मुख्य प्रजातियां पाई जाती है, लाल कंगारू, एंटीलोपाइन कंगारू, पूर्वी ग्रे कंगारू और पश्चिमी ग्रे कंगारू। इन्हें कैप्टन कुक ने सन्‌ 1773 ई. में देखा और तभी से ये दुनिया के सामने आए। ये उछल उछलकर चलते है क्योंकि इनकी पिछली टाँगें लंबी और अगली छोटी होती है। इनकी एक लंबी और मोटी पूँछ भी होती है, जो सिरे की ओर पतली होती जाती है। तो चलिए अब हम कंगारू से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Facts About Kangaroo in Hindi) जानते है।

Weird Facts About Kangaroo in Hindi

कंगारू के बारे में अजीब तथ्य - Kangaroo Facts in Hindi

  • मादा कंगारुओं की तीन योनी और दो गर्भाशय होते है।
  • मादा कंगारुओं की गर्भधारण अवधि 31 से 36 दिनों की होती है।
  • दुनिया के तीसरा सबसे बड़े मार्सुपियल वेस्टर्न ‘ग्रे कंगारू’ (Western Grey Kangaroo) है। ये अपने पूर्वी समकक्ष से थोड़े छोटे होते है और इनका वजन 110 पाउंड या 50 किलो तक हो सकता है।
  • नर कंगारू मादा कंगारू से ऊँचे और भारी होते है।
  • जंगल में कंगारू का जीवनकाल लगभग 6 साल होता है। चिड़ियाघर में रहते हुए पूरी देखरेख में ये 20 साल तक जीवित रह सकते है।
  • कंगारू मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते है। लेकिन अन्य स्थान पर भी इनकी कुछ प्रजातियाँ देखने को मिलती है, जैसे पापुआ न्यू गिनी में। पापुआ न्यू गिनी में पाई जाने वाली कंगारू की प्रजाति ट्री-कंगारू (Tree Kangaroo) है।
  • प्रजाति अनुसार कंगारू लभगग 5 से 6 फ़ीट (1.5 मीटर से 1.8 मीटर) तक लंबे हो सकते है। इनका वजन 50 से 120 पौंड (23 किलोग्राम से 55 किलोग्राम) तक हो सकता है।
  • कंगारुओं की सबसे बड़ी प्रजाति रेड कंगारू (Red Kangaroo) है और सबसे छोटी प्रजाति कस्तूरी चूहा कंगारू (Musky Rat Kangaroo) है।
  • कंगारुओं के बारे में एक अजीब बात यह है कि वे जमीन पर चलते समय अपने पिछले पैरों को अलग-अलग नहीं हिला सकते। लेकिन पानी में वे पिछले पैरों को अलग-अलग हिला सकते है, जो उन्हें तैरने में मदद करता है।
  • अधिकांश कंगारू left-handed होते है।
  • कंगारुओं की दृष्टि कमज़ोर होती है। जन्म उपरांत उनमें से कई पूर्णतः अंधे होते है। माना जाता है कि यह अंधापन आनुवंशिक होता है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी कंगारू जमीन पर चलने के साथ-साथ पानी में तैर भी सकते है।
  • क्या आप जानते है कंगारू अपने सर को गुमाये बिना अपने कानों को किसी भी दिशा में घुमा सकते है। अर्थार्थ इन्हें अपने कानों को किसी भी दिशा में घुमाने के लिए सिर को घुमाने की जरूरत नहीं होती।
  • क्या आप जानते है कंगारू का गर्भकाल बेहद छोटा होता है और यह मात्र 30 से 35 दिनों का ही होता है, परंतु इतने छोटे गर्भकाल के कारण कंगारू का बच्चा पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता और यह अपनी मां के पेट पर बनी थैली में पहुंच जाता है और यही से यह बच्चा पूर्ण रूप से विकसित होना शुरू होता है।

Information About Kangaroo in Hindi

  • लोगों में यह मिथक प्रचलित है कि अंग्रेजी भाषा में ‘कंगारू’ शब्द का अर्थ है – I don’t know (‘मैं नहीं जानता’)। सर जोसेफ बैंक्स और कैप्टेन कुक ने जब पहली बार इस जानवर को देखा, तो आदिवासियों से पूछा ‘ये क्या है?’ और जवाब मिला ‘कंगारू’, जिसका अर्थ था – I don’t know (‘मैं नहीं जानता’). उन्हें लगा ‘कंगारू’ उस जानवर का नाम है। पर बाद में यह ज्ञात हुआ कि ‘गुगु यिमिहिर’ भाषा का शब्द गंगरु (Gangurru) वास्तव में कंगारू की एक प्रजाति से संबंधित है।
  • ट्री कंगारुओं (Tree Kangaroos) के अतिरिक्त समस्त कंगारूओं के पिछले पैर बड़े और मजबूत होते है। ट्री कंगारुओं के पिछले पैर छोटे और कमजोर होते है।
  • कंगारू अपने शरीर से कोई मीथेन नहीं छोड़ते है। यह किसी शाकाहारी जानवर के लिए बहुत असामान्य बात है। वे अक्सर ऊर्जा के लिए अपने शरीर से मीथेन का उपयोग करते है।
  • कंगारुओं को पानी का सेवन करने की आवश्यकता होती है, लेकिन वे पानी पिए बिना भी कई दिनों तक जीवित रह सकते है।
  • प्रोकोप्टोडोन कंगारू (Procoptodon Kangaroo) कंगारू की वह प्रजाति है, जो विलुप्ति के कगार पर है।
  • कंगारू ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी है, यह हमेशा आगे की और चलते है। इसलिए यह ऑस्ट्रेलिया के विकाश का प्रतिक भी है। 
  • दुनिया में कंगारू एक मात्र प्राणी है जो अपने बच्चो को अपने पेट में बनी थैली में रखता है। 
  • लड़ते समय कंगारू अपने मजबूत पैरो का इस्तेमाल करते है। लड़ते समय यह अपनी पूंछ पर खड़े हो कर अपने दोनों पेरो से एक साथ हमला कर सकते है।
  • क्या आप जानते है इनकी आंखें बहुत तेज होती है परंतु ये सिर्फ चलती-फिरती वस्तुओं को ही देख पाते है।
  • कंगारू (Kangaroo) मार्सुपियल वर्ग का जीव है। मार्सुपियल्स वे जीव होते है, जो अपने पेट के पास बनी थैली में अपने बच्चों को लेकर चलते है।
  • ‘कंगारू’ नाम की उत्पत्ति एक आदिवासी भाषा ‘गुगु यिमिहिर’ (Guugu Yimihirr) के एक शब्द गंगरु (Gangurru) से हुई है, जिसे आदिवासी पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo) का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया करते थे।
  • कंगारू दो पैरों पर जल्दी-जल्दी कूद सकते है या चारों पैरों से धीरे-धीरे चल सकते है। ये पीछे की ओर नहीं चल सकते।
  • कंगारू काफ़ी ऊँचाई तक कूद सकते है। ये ऊँचाई उनकी ख़ुद की ऊँचाई की तीन गुना तक हो सकती है।
  • एक छलांग में कंगारू लगभग 16 फीट की दूरी तय कर सकता है।
  • कंगारू के पंजे में अंगूठे नहीं होते। इनकी 4 उंगलियाँ होती है, जिसमें से दूसरी और तीसरी उंगली झिल्ली से जुड़ी रहती है। चौथी और पांचवीं उंगली बड़ी होती है। चौथी उंगली में नाखून होता है।
  • झिल्लीदार पंजे होने के कारण कंगारू तैरने में सक्षम होते है।
  • ऑस्ट्रेलिया में कंगारूओं की संख्या इंसानों की संख्या से अधिक है। वर्ष 2020 में जहाँ ऑस्ट्रेलिया की आबादी 25.88 मिलियन थे, वहीं कंगारू की आबादी 50 मिलियन थी।

कंगारू से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और जानकारी - Kangaroo Facts in Hindi

  • पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में कंगारूओं की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। वर्ष 2010 में ऑस्ट्रेलिया में 27 मिलियन कंगारू थी, जो 2016 तक 45 मिलियन हो चुके थे। अनुसार वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलिया में लगभग 50 मिलियन कंगारू है।
  • क्या आप जानते है कंगारू एक शाकाहारी जीव होता है और यह आमतौर पर फल, घास इत्यादि खाते है।
  • कंगारू जमीन पर उछल कर चलने वाला प्राणी है क्योंकि इसके अगले दो पैर छोटे होते है जिसके कारण यह जमीन पर संतुलन नहीं बना पाते और यह अपने पिछले दो पैरों पर कूद-कूद कर आगे बढ़ते है।
  • क्या आप जानते है कंगारुओं का एक पांचवा पैर भी होता है। उदाहरण के तौर पर कंगारुओं की पूंछ इतनी शक्तिशाली होती है कि यह सिर्फ अपनी पूंछ पर अपना सारा वजन डाल सकते है और यह पूछ इन के पांचवें पैर का काम करती है।
  • 4 माह के होने के बाद वे थैली में से थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बाहर आने लगते है। समय के साथ वे थैली के बाहर अधिक समय बिताने लगते है और बहुत कम थैली में वापस आते है। अंततः वे थैली को स्थायी रूप से छोड़ देते है।
  • बच्चे को जन्म देने के उपरांत मादा कंगारू पुनः गर्भवती हो सकती है। लेकिन इस बार दूसरा बच्चा तब तक गर्भ से बाहर नहीं आता, जब तब पहला बच्चा माँ की थैली न छोड़ दे। इस तरह गर्भावस्था को टालने की इस प्रक्रिया को “Embryonic Diapause” कहा जाता है।
  • नर कंगारू लगभग 2 वर्ष की आयु में अपनी माँ की थैली छोड़ देते है, जबकि मादा कंगारू दुगुने समय तक थैली में रहती है।
  • मस्की रैट कंगारू (Musky Rat Kangaroo) कंगारू की एकमात्र प्रजाति है, जो छलांग नहीं लगा सकती।
  • कंगारू ऑस्ट्रेलिया का अनौपचारिक प्रतीक है। देश की कुछ मुद्रा और राष्ट्र-प्रतीक में भी यह दिखाई देता है। रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना और अन्य संगठन जैसे कांतस (Qantas) द्वारा भी कंगारू का प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • कंगारुओं को उनके मांस, खाल और घास के मैदानों को बचाने के लिए मारा जाता है।
  • वसा की मात्रा कम (मात्र 2%) होने के कारण कंगारू का मांस स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेषकर वजन कम करने के हिसाब से उत्तम माना जाता है।
  • कंगारू रात्रिचर (nocturnal) होते है। वे अपने दिन का अधिकांश समय पेड़ की छाया में आराम करते हुये बिताते है और केवल रात, देर शाम या सुबह सक्रिय होते है।
  • कंगारूओं के सोने की स्थिति इंसानों की तरह ही होती है। वे क्षैतिज स्थिति (Horizontal Position) में लेटकर सोते है।
  • कंगारू पूर्णतः शाकाहारी (herbivores) जानवर है। प्रजाति अनुसार उनके आहार में भिन्नता देखते को मिलती है। लाल कंगारू छोटे पौधे, पूर्वी ग्रे कंगारू घास और कई छोटे कंगारू कवक (Fungi) खाते है।
  • कंगारुओं के समूह को मोब (mob), ट्रूप (troop) या कोर्ट (court) कहा जाता है।
  • दुनिया के सबसे बड़े मर्सूपियल लाल कंगारू (Red kangaroo) है। ये 2 मीटर ऊँचाई तक बढ़ सकते है। इनका वजन 200 किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी छलांग लगाने की क्षमता 10 फीट तक है। इसके साथ ही ये 60 kph या 40 mph गति से 25 फीट दूर तक छलांग लगाने में सक्षम होते है।
  • दूसरे सबसे बड़े मार्सुपियल ‘पूर्वी ग्रे कंगारू’ (Eastern Grey Kangaroo) है। ये 1.8 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ सकते है। इनका वजन 130 पाउंड या 60 किलो तक हो सकता है। ये अधिकतम 50 किलोमीटर/घंटे की गति से 29 फीट दूर तक छलांग लगा सकते है।
  • वयस्क नर कंगारुओं को बक, जैक और बूमर (Buck, Jack and Boomer) कहा जाता है।
  • वयस्क मादा कंगारूओं को जिल, फ्लायर और डो (Jill, Flyer and Doe) कहा जाता है।

Facts About Kangaroo in Hindi

  • जन्म के समय कंगारूओं के नवजात शिशु पूर्ण विकसित नहीं होते। वे 5 cm लम्बे होते है, लगभग एक अंगूर जितने। बाल रहित गुलाबी रंग के नवजात शिशु के सामने के दो हाथ ही विकसित हुए होते है, जिसकी सहायता से जन्म उपरांत वे अपनी माँ के पेट पर चढ़कर थैली में चले जाते है और 4 में से एक थन (Teat) से चिपके रहते है।
  • जन्म के ठीक बाद, कंगारू के बच्चे स्थायी रूप से अपनी माँ के चूचक/थन (teats) से जुड़े रहते है। जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते है, वे चूचक से अलग हो जाना और जुड़ जाना सीखते जाते है। कई महीने तक उनके शरीर पर बाल नहीं आते। जब तक उसके शरीर पर बाल आते है, वे इतने बड़े हो चुके होते है कि अपनी माँ की थैली से बाहर आ सकें।
  • क्या आप जानते है विश्व में सर्वाधिक मात्रा में कंगारू (Kangaroo) ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते है। यहां पर आपको कंगारू सड़कों पर घूमते मिल जाएंगे। उदाहरण के तौर पर जिस तरह भारत की गलियों में कुत्तों की फौज घूमती है ठीक ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया की गली गली में कंगारू घूमते है।
  • जब यह 40 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से जम्प करता है तो इसके पीछे पैर और पूंछ से अपना संतुलन बनाए रखता है। खड़े रहने पर उसकी पूंछ ही उसका सहारा होती है।
  • नर कंगारू को बूम, मादा कंगारू को डो और कंगारू के बच्चे को जॉय कहा जाता है।
  • ‘कंगारू’ शब्द का सबसे पहला उल्लेख 12 जुलाई 1770 में सर जोसफ बैंक्स की डायरी में मिलता है। कैप्टेन कुक ने 4 अगस्त 1770 में अपनी डायरी में इस जानवर का उल्लेख किया है। दोनों ने इस कुकटाउन (cooktown) में पहली बार देखा था।
  • दुनिया में कंगारू की चार मुख्य प्रजातियाँ है : 1) लाल कंगारू (Red Kangaroo), (2) पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo), (3) पश्चिमी ग्रे कंगारू (Western Grey Kangaroo) और (4) एंटीलोपाइन कंगारू (Antilopine Kangaroo)
  • कंगारुओं के बच्चे को ‘जॉय’ (joeys) के नाम से जाना जाता है।
  • कंगारूओं के पैरों के नाखून काफ़ी तेज होते है। एक-दूसरे या शिकारी जानवरों से भिड़ंत होने पर वे इसका इस्तेमाल करते है।
  • कंगारू अपने शरीर को पूरा घुमाए बिना ही आवाज़ की दिशा में अपने कान मोड़ सकते है।
  • कंगारू समूह में रहने वाले जीव है। वे अकेले रहना पसंद नहीं करते। नर और मादा मिलकर लगभग 10 के समूहों में रहते है। समूह का सबसे मजबूत और सबसे बड़ी उम्र का कंगारू समूह का मुखिया होता है। समूह के मुखिया को ही मादा के साथ संभोग का अधिकार होता है।
  • कंगारुओं को अक्सर एक-दूसरे से लड़कर ताकत का प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। मादा कंगारू ताकतवर नर कंगारू के साथ संभोग कर बच्चे पैदा करती है। कंगारू अपने सामने के पैरों से एक-दूसरे को पकड़ते है और पिछले पैरों से किक मारते है।
  • मादा कंगारू जब वह कम आयु की होती है, तो मादा कंगारू को जन्म देती है और जब बड़ी आयु की होती है, तो नर कंगारू को जन्म देती है।
  • ऑस्ट्रेलिया में लोग कंगारू का मांस बड़े चाव से खाते है और उसकी पूंछ का सूप भी बेहद पसंद करते है।
  • ऑस्ट्रेलिया में फ़ेडरल लेजिस्लेशन द्वारा कंगारू को संरक्षित किया गया है। उसका मांस सामान्यतः जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विशेष-लाइसेंस प्रदत्त शिकारियों द्वारा ही सप्लाई किया जाता है।
  • जमीन पर कंगारू अपने दोनों पैरो पर चलते है। लेकिन पानी में तैरते वक्त यह अपने चारों पैरो का इस्तेमाल करते है।
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