100 Information & Facts About Peacock in Hindi

Peacock facts in Hindi - दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में मोर के बारे में जानकारी देंगे। मोर का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मोर को कार्तिकेय का वाहन माना जाता है। मोर अथवा मयूर पक्षी का मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। यह ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है, विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। तो चलिए अब हम आपको मोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य और जानकारी (Unknown Facts About Peacock in Hindi) देंगे।
[100+] Amazing Facts & Information About Peacock In Hindi

मोर के बारे में रोचक तथ्य - Amazing Facts About Peacock in Hindi

  • हिंदू धर्म में मोर का विशेष महत्त्व है। भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट पर मोर पंख सजा होता है। भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर है।
  • क्या आप जानते है भारत में मोर को राष्ट्रीय पक्षी 1963 में घोषित किया गया। मोर तब से भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
  • बाइबिल (Bible) में भी मोर का ज़िक्र मिलता है। राजा सुलेमान द्वारा जहाज में लादकर कई मूल्यवान चीजें एशिया से बाहर ले जाई गई थी, उनमें मोर भी शामिल था।
  • मोर का बच्चा जन्मे के एक दिन ही बाद खाने, पिने और चलने लायक हो जाता है।
  • विश्व विजेता सिकंदर (Sikandar) मोरों का शौक़ीन था। यूनान लौटते समय वह अपने साथ मोर भी लेकर गया, जिसके बाद ही मोर पूरे विश्व में पहुँचे।
  • मोर प्रमुख रूप से भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाए जाते है।
  • मोर की उम्र 15 से 20 साल तक होती है।
  • मोर (Peacock) की आँखों के ऊपर और नीचे सफेद रंग के धब्बे होते है।
  • एशिया की दो प्रजाती में से नीला मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
  • मोरों की दौड़ने की औसत गति 10 मील प्रति घंटा (16 किलोमीटर प्रति घंटा) है।
  • मोर छोटे सरीसृपों को भी खाते है, जैसे कि कोबरा सांप के बच्चे, उभयचर, तितली, मक्खी, चूजे और चूहे आदि।
  • मोर अकेले रहना पसंद नही करते, वे छोटे समूहों में रहते है क्योंकि वे अत्यधिक मिलनसार और आश्रित पक्षी है।
  • मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेट्स है।
  • मोर की चोंच की लंबाई 1 इंच होती है।
  • मोरनी एक बार में 3 से 6 अंडे देती है। अंडे सेने का काम मादा ही करती है। 28 दिनों के बाद अंडों में से बच्चे निकल आते है।
  • जन्म के समय मोर के बच्चों का वजन 103 ग्राम होता है। ये जन्म से ही बच्चे चलने-फ़िरने और खाने-पीने में सक्षम होते है।

Information & Facts About Peacock In Hindi

  • मोर की पूँछ में 200 से भी अधिक चमकीले रंग के पंख होते है और लगभग सभी पंख में बड़े-बड़े आँख के धब्बे बने होते है।
  • हिन्दू धर्म में मोर और मोर पंखों को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। हिन्दुओं के इष्टदेव, श्री कृष्ण के मुकुट में मोर पंख लगा होता है।
  • मोर पंखों को प्राचीन काल में भोजपत्र आदि में स्याही डुबाकर लिखने के लिए उपयोग किया जाता था।
  • मोर के सिर में कलगी बनी होती है जिसे मुकुट भी कहा जाता है और शायद यही कारन है की मोर को पक्षियों का राजा भी कहा जाता है।
  • अंग्रेजी में मोर को Peacock, मोरनी को Peahen, और इनके बच्चों को Peachicks कहा जाता है और इन सबको सामूहिक रूप से Peafowl कहा जाता है।
  • मोर (Peacock) खेतों, जंगलों और गर्म क्षेत्रों में निवास करना पसंद करते है। इन्हें निवास के रूप में ऐसे क्षेत्र पसंद है, जो उन्हें पौधों और कम ऊँचाई के पेड़ों तक आसान पहुँच प्रदान करते है। इस तरह इनके लिए भोजन प्राप्त करना आसान हो जाता है। ये वर्षावनों (rainforests) और झाड़ियों (bushlands) में भी पाए जाते है।
  • मोर धरती के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक है। इनके पंखों का फैलाव 4.9 (1.5 मीटर) के आसपास होता है।
  • नर मोर (Male Peacock) आकार में मादा से दुगुना होता है। मोर का वजन 4 से 6 किलोग्राम तक हो सकता है, जबकि मोरनी (Peahen) का वजन लगभग 2.75 से 4 किलोग्राम तक हो सकता है।
  • मोर हवा में ज्यादा देर तक नही रह सकते, ये शिकारियों से बचने के लिए उछलकर पेड़ों पर चढ़ जाते है।
  • मोर सर्वाहारी पक्षी होते है, और वे मुख्य रूप से पौधों, फलों, बीजों, फूलों की पंखुड़ियों, चींटियों, कीड़े-मकोड़ों, टिड्डियों आदि को खाते है। अनाज मोरों का सबसे आम भोजन है। हालाँकि, मोर किसी भी खाद्य पदार्थ को खा सकता है, फिर चाहे वह कोई जानवर हो या पौधा।
  • धुमैला मोर म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी है।
  • मोर की गिनती धरती पर मौजूद सबसे बड़े उड़ान भरने वाले पक्षिओं में की जाती है, हालाँकि यह बहोत ऊपर तक उड़ नहीं सकते है।
  • मोर की खुबसूरत रंग-बिरंगी पूंछ को “train” कहा जाता है। इसमें करीब 200 पंख होते है।
  • मोर की पूंछ इसकी कुल लम्बाई का 60 प्रतिसद होती है। 
  • मोर अपने पंखो को गर्मिओं के मौसम में खुद-ब-खुद झाड़ देता है, इसी लिए इसके पंखो को प्राप्त करने के लिए इसका शिकार करने की जरुरत नहीं है।
  • मोर पानी में तुरंत ही डूब जाएगा क्यूंकि इसके पास झ्ल्लीदार पैर नहीं है जो इसको थोड़ी देर के लिए भी तैरने में सहायता करे।
  • मोरों की तीन प्रमुख प्रजातियाँ है, जिनमें से दो एशियाई मूल की है और एक अफ्रीका की नीला भारतीय मोर (Blue Indian peacock) और हरा मोर (Green peacock) एशियन प्रजाति है। कांगो मोर (African Congo Peacock) अफ्रीकी प्रजाति के है। मोर भारत, श्रीलंका और बर्मा में पाए जाते है।
  • भले ही आप सभी ने मोर को नजदीक से देखा होंगा पर फिर भी सायद ही आपको पता होगा की मोर 11 अलग-अलग तरह की आवाज निकाल सकता है।

Interesting Facts About Peacock In Hindi | Essay On Peacock In Hindi

  • मोरों को इंग्लैंड और जापान में कैद करके रखा जाता है। ऐसा इसलिए ताकि वहां उनकी आबादी बढ़ाई जा सके।
  • नर मोर मादा की तुलना में अधिक सुंदर होते है। इनके सुंदर पंख और सुंदर लंबी पूंछ होती है। मोरनी मोर की तरह सुंदर नहीं होती। इनका गेंहुवा चेहरे, भूरे रंग की कलगी के साथ-साथ धात्विक रंग का ऊपरी भाग होता है। मोर के सामान इनकी सुंदर लंबी पूंछ नहीं होती।
  • नीला मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। 26 जनवरी 1963 को भारत सरकार द्वारा नीले मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी (National Bird Of India) घोषित किया था।
  • एक मोर के पैरों में चार उँगलियाँ होती है, जिनमें से तीन आगे की ओर और एक पीछे की तरफ होती है। उँगलियों की ऐसी संरचना मोर के लिए शाखाओं को पकड़ना और पेड़ों में घूमना आसान बनाती है।
  • मोर समूह बनाकर रहने वाला पक्षी है। इनके समूहों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। मोरनियों (Peahen) के समूह को ‘bevy’ कहा जता हो। इसे ‘muster‘ या ‘party‘ भी कहा जाता है। मोर और मोरनियों के संयुक्त समूह को “harem” कहा जाता है।
  • इनके पंखों पर क्रिस्टल की परत लगी होती है जिसकी वजह से ये अत्यधिक चमकदार दिखाई देते है।
  • वैसे तो मोर की आवाज बहुत ही तेज और कठोर होती है लेकिन ये हमेशा एक जैसे आवाज नही निकलते है ये अलग-अलग कई तरह के आवाज निकाल सकते है।
  • मुगल बादशाह शाहजहाँ (Shah Jahan) की राजगद्दी को ‘तख़्त-ए-ताऊस’ कहा जाता था। ‘ताऊस’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है, जो “मोर” के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ‘तख़्त-ए-ताऊस’ में दो मोरों के बीच तख़्त निर्मित था और पीछे की आकृति पंख पसारे मोर की थी।
  • मादा मोर जनवरी और मार्च के बिच में अंडे देती है। यह एक बार में 3 से 6 अंडे देती है। अंडे में से बच्चे लगभग 28 दिनों बाद बहार आते है जो लगभग 103 ग्राम के होते है। 
  • जंगल में मोर का ओसतन जीवनकाल 15 से 20 साल का होता है क्यूंकि यह कुत्ते या अन्य जंगली जानवरों का शिकार बन जाता है। वही चिड़ियाघर में इसका ओसतन जीवनकाल 50 साल के आसपास होता है।
  • जंगल में मोर जंगल में बाघ (Tiger) और अन्य जंगली जानवरों से खतरों का सामना करते है। वहीं गाँवों के करीब रहने वाले मोरों को कुत्तों, बिल्लियों और अन्य जानवरों का खतरा रहता है।
  • मोर के ख़ूबसूरत पंखों का इस्तेमाल पर्स, जैकेट और कई तरह के सजावटी सामान बनाने में होता है।
  • ये ज्यादातर दोपहर के समय अंडे देना पसंद करते है।
  • मोर को वसंत ऋतू के दौरान अपने चमकदार सुंदर पंखों को फैलाते हुए देखा जा सकता है।
  • आमतौर पर मोर आकार, रंग और पंख की गुणवत्ता के अनुसार अपने साथी का चयन करते है।
  • बेबीलोन वासी मोर को अपना संरक्षक मानते है।
  • मोर ईसाई धर्म में चिरस्थायी जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।
  • मौर्य साम्राज्य का राष्ट्रीय चिन्ह मोर था। चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में प्रचलित सिक्कों में एक ओर मोर की आकृति अंकित होती थी।
  • नर मोरों के केवल एक साथी नही होते इनके कम से कम दो से पांच महिला साथी होते है।
  • मोर के पंखों को ‘Train’ कहा जाता है। यह हिस्सा उनके शरीर के बीच सबसे अधिक सजावटी है। यह लंबे रंगीन प्रदर्शन, अपने शरीर के पीछे छह फीट तक पहुंच सकता है।

मोर के बारे में रोचक जानकारी – Information About Peacock In Hindi

  • मोर polygamous होते है। उन्हें जंगल में एक से अधिक साथी होने के लिए जाना जाता है।
  • शिकार और निवास के नुकसान के कारण मोरों की संख्या में कमी हो रही है। लेकिन भारतीय मोर लुप्तप्राय पक्षी नहीं है। Congo Peafowl मोर की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में दर्ज है, जबकि Green Peafowl एक लुप्तप्राय प्रजाति है।
  • मोर की जनसंख्या में गिरावट, मुख्य रूप से शिकार के कारण होती है। एक और कारण – प्रजातियों के लिए सही आवासों की अनुपस्थिति है।
  • ग्रे मोर (Gray Peacock) बर्मा के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में माना जाता है। लोग यह भी मानते है कि सफ़ेद मोर (White Peacock) अनन्त सुख का वाहक है।
  • दुनिया भर में लगभग 2000 वर्षों से मोरों को मनोरंजन के लिए या धार्मिक आस्था के चलते पालतू बनाकर रखा जाता है। पालतू मोरों को खुले क्षेत्र में रखना चाहिए, क्योंकि वे खुला स्थान पसंद करते है। बंद क्षेत्र उन्हें भयभीत कर सकता है।
  • नर मोर जन्म के बाद 6 माह तक दिखने में मादा मोर की तरह ही होते है। 6 माह के बाद उनमें बदलाव आने लगता है। उनकी कलगी और पूंछ 3 वर्ष के बाद आती है।
  • ग्रीक और रोमन पौराणिक कथाओं में मोर को देवी हेरा (Goddess Hera) से जुड़ा हुआ माना जाता है।
  • प्राचीन यूनान में लोग मोरनी को अमरता का प्रतीक मानते थे, क्योंकि उनका मनाना था कि मोरनी का शरीर मरने के बाद भी नहीं सड़ता है।
  • मोर एक आक्रामक पक्षी है और अपने क्षेत्र में अजनबी या यहाँ तक कि नए मोर के प्रवेश को भी मंजूरी नहीं देता।
  • मोर 8 से 10 के समूह में यात्रा करते है।
  • जंगली मोरों को खेल खेलते हुए भी देखा जा सकता है। मोर के बच्चों को झाड़ी के चारों ओर सिर झुकाकर एक-दूसरे का पीछा करते या अपनी गर्दन को पृथ्वी के समानांतर पकड़कर चलते हुए देखा जा सकता है। ये इस तरह खेल रहे होते है। ख़ास बात यह है कि मोर खेलते समय हमेशा clockwise डायरेक्शन में ही चलते है। उन्हें सूरज की रोशनी के नीचे खेलना पसंद है।
  • नर मोर मादा मोर के मुकाबले ज्यादा खूबसूरत होते है। क्योंकि नर मोर के पास एक सुंदर पंखों की पूंछ होती है।
  • मोरों का जिक्र प्राचीन ग्रन्थों जैसे बाइबिल, गीता आदि में भी किया गया है।
  • मोर की तीन प्रमुख प्रजातियाँ पायीं जाती है, भारतीय मोर, अफ्रीकी कांगो मोर और हरा मोर। तीनों प्रजातियां एशिया की मूल निवासी है, लेकिन आज आप उन्हें अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी देख सकते है।
  • प्रजनन काल के समय नर मोर सुंदर पंख फैलाकर मादा को आकर्षित करने की कोशिश करते है।
  • फेंगशुई की मान्यतों में मोरपंख को खतरों और आपदाओं से रक्षा करने वाला माना जाता है।
  • भारत में मोर को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्णतः संरक्षण प्रदान किया गया है। इसके शिकार पर भारत में पूर्णतया प्रतिबंध है।
  • मोर हर साल अगस्त के महीने में अपने पंख त्याग देता है और फिर उसके शरीर में नये पंख उगते है।
  • जब मोर पहली बार पैदा होते है, तो उनके पास पूंछ नहीं होती है। जब वे तीन साल के हो जाते है तभी वे खूबसूरत दिखने लगते है।
  • साँपों को पकड़ने और खाने की प्रवृत्ति के कारण गाँव के लोग आमतौर पर मोर (Peacock) पालते है। एक प्रकार से मोर गाँव के लोगों की सुरक्षा का काम करते है।
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