दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे जीव के बारे में जानकारी देंगे। जिस ने पूरी दुनिया को डरा कर रखा है वो है मच्छर (Mosquito)। मच्छर एक हानिकारक कीट है। यह संसार के सभी भागो में पाया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के रोंगो को फ़ैलाने का भी काम करता है। मच्छर गड्ढे, तालाबों, नहरों तथा स्थिर जल के जलाशयों के निकट अंधेरी और नम जगहों पर रहता है। मच्छर एकलिंगी जन्तु हैं यानी नर और मादा मच्छर का शरीर अलग-अलग होते हैं। तो चलिए अब हम आपको मच्छर के बारे में कुछ रोचक तथ्य और बातें (Interesting Wiered Facts About Mosquito In Hindi) बताएंगे।
मच्छर के बारे में रोचक जानकारी - Facts About Mosquito in Hindi
- सिर्फ मादा मच्छर ही मनुष्य या अन्य जन्तुओं के रक्त चूसती है, जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों का रस चूसते हैं।
- धरती पर 3500 से भी ज्यादा प्रकार के मच्छर मौजूद है, ये 20 करोड़ साल पहले धरती पर आए थे।
- मादा मच्छर एक बार में करीब 300 अंडे देती है और जीवनभर में 500 अंडे देती है।
- एक मच्छर अपने वजन से तीन गुना ज्यादा खून चूस सकते है।
- 1,200,000 मच्छर आपका पूरा खून चूस जाएंगे।
- अफ्रीका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में मच्छरों को “मोजिज़” (Mozzies) कहा जाता है।
- दुनिया में सबसे ज्यादा मच्छर उन लोगो को काटते है जिनका ब्लड ग्रुप “O” होता है।
- मच्छर इस धरती पर डायनासोर के समय से है। 251 मिलियन और 199 मिलियन वर्ष पूर्व ट्राइसिक काल में भी इनका अस्तित्व था।
- मच्छरों की दृष्टि क्षमता कमज़ोर होती है। वे गहरे रंग के कपड़े पहने लोगों को हल्के रंग के कपड़े पहने लोगों की तुलना में अधिक आसानी से देख पाते है।
- मच्छर उन लोगों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है जिन्होनें अभी-अभी केला खाया है।
- यदि मच्छर के काटने वाली जगह पर खुजली हो रही है तो वहाँ पर चम्मच को थोड़ा-सा गर्म करके लगा लिजिए, खुजली बंद हो जाएगी।
- मच्छर नीले रंग की और सबसे ज्यादा आकर्षित होता है।
- क्या आपको पता है की मच्छर के 47 दांत होते है।
- एक मच्छर की 6 टांगे होती है।
- दुनिया में सिर्फ आइसलैंड ही एक मात्र एसा देश है जहा पर एक भी मच्छर मोजूद नहीं है।
- किसी इंसान के शरीर का पूरा रक्त चूसने में मच्छर को उस इंसान को लगभग 1.2 मिलियन बार काटना होगा।
- मच्छर (Mosquito) “छोटी मक्खी” (little fly) के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला एक स्पेनिश शब्द है। यह शब्द 16वीं शताब्दी के प्रारंभ में अस्तित्व में आया था।
- क्या आप जानते है कि नर मच्छर कभी नहीं काटते। लोगों को हमेशा मादा मच्छर ही काटती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मादा मच्छर को अपने अंडों के विकास के लिए प्रोटीन की ज़रूरत होती है और वो उसे इंसानों के खून में मिलता है।
- मादा मच्छर एक वक्त में करीब 300 अंडे देती है। वहीं, एक मच्छर की आयु दो महीने से कम होती है। नर मच्छर 10 दिनों तक और मादा मच्छर 6 से 8 हफ्ते तक जिंदा रहती है।
- मच्छरों के दांत नहीं होते इसलिए वह अपने मुंह के नुकीली और लंबे डंक से काटते है। एक मच्छर अपने वजन से तीन गुणा ज़्यादा खून पी सकता है।
- आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि मच्छरों की याद्दाश्त काफी तेज होती है। रिसर्च में साबित हुआ है कि जब आप किसी मच्छर को मारने की कोशिश करते है, तो वो आपके आसपास कम से कम 24 घंटों तक नहीं मंडराएगा।
Amazing facts about Mosquito in Hindi – मच्छरों के बारे में रोचक तथ्य
- मच्छर इंसानों की महक को पहचानते है। वो आपकी महक से पहचान जाते है कि उनका आपसे पहले सामना हुआ है कि नहीं।
- नर मच्छर शाकाहारी होता है सिर्फ मादा मच्छर ही इन्सानों का खून चुसती है।
- मादा मच्छर अपने एक बार के डंख से 0.01 से 0.1 मिलीमीटर खून चूस लेती है।
- मच्छरर इंसान की सांस भी सूंघ सकते है, ये 75 feet दूर से CO2 सूंघ लेते है।
- मच्छर 2 फीट प्रति सेकंड की स्पीड से उड़ते है और ये 40 फीट से ऊपर नही उड़ सकते, ये अपने जन्म स्थान से 1 मील तक के एरिया में ही उड़ते है।
- अगर आप बीयर पीते है, तो मच्छर आपको अपना शिकार ज़रूर बनाएंगे। रिसर्च में साबित हुआ है कि जो लोग बीयर पीते है मच्छर दूसरे के मुकाबले उनकी तरफ कुछ ज्यादा ही अट्रैक्ट होते है।
- मच्छरों को सिर्फ बीयर पीने वाले नहीं, बल्कि गर्भवती महिलाएं और 'O' ब्लड ग्रुप वाले लोग भी काफी पसंद आते है। ऐसे लोगों को ये ज्यादा काटते है।
- मच्छर के पंख एक सेकंड में 500 बार फड़फड़ाते है।
- अमेरिका में वैज्ञनिको ने मच्छरों की एसी नस्ल तैयार की है जो मच्छर में मलेरिया के वायरस को पूरी तरह से खत्म कर देता है। यानी की इसके बाद यदी वो मच्छर कीसी को भी काटता है तो सिर्फ थोडासा खून ही चुसेगा लेकिन बीमारी नहीं फैलेगी।
- जे. एम. मिगेन (W. Meigen), एक जर्मन एंटोमोलॉजिस्ट, ने पहली बार एनोफेलीज को मच्छर के जीनस के रूप में वर्णित किया था। इसकी लगभग 460 मान्यता प्राप्त प्रजातियों में से लगभग 100 से अधिक मलेरिया प्रसारित कर सकते है। लोगों में यह भ्रम है कि मलेरिया वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। जबकि ये वास्तव में प्लास्टोडियम (Plasmodium) नामक परजीवी (Parasites) के कारण होता है।
- अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है, तो इसकी खुशबू से मच्छर आपके आस-पास नहीं आएंगे। मच्छर तुलसी के पत्तों से दूर भागते है।
- तुलसी के पत्तों के अलावा, मच्छरों को लैवेंडर, गेंदे के फूल और लहसुन की महक भी पसंद नहीं होती। ऐसी चीजें जिसमें से नींबू जैसी खुशबू आती है इससे भी मच्छर दूर ही रहते है।
- यदि आपके शरीर के किसी भी हिस्से पर मच्छर बैठ गया है और उसे आप मारना चाहते तो तो शरीर के उस हिस्से को टाईट कर लें, फिर आप देखोगे कि मच्छर उड़ नही पाएगा और आप उसे आसानी से मार दोगे।
- अगर आपको पसीना कुछ ज्यादा ही आता है, तो आपको मच्छर भी ज्यादा ही काटेंगे। पसीने की महक मच्छरों को खींचती है।
- एक मच्छर प्रति सेकंड 300-600 बार अपने पंख फड़फड़ाता है। यही कारण है कि मच्छर के काटने के पहले उसके भुनभुनाने की आवाज़ आती है।
- मच्छर उड़ते समय भी संभोग कर सकते है।
- मादा मच्छर एक बार में लगभग 300 अंडे दे सकती है। ये अंडे ऐसी जगह दिए जाते है, जहाँ जमा पानी हो या जहाँ नियमित रूप से पानी रिसता रहे। अपने पूरे जीवनकाल में मादा मच्छर 3 बार तक अंडे दे सकती है।
Interesting Facts And Information About Mosquito In Hindi
- वयस्क होने के केवल दो दिन बाद ही मादा मच्छर अपने पहले शिकार को काटने में सक्षम हो जाती है।
- वयस्क होने के बाद भी अधिकांश मच्छर (Mosquito) अपने प्रजनन के स्थान के आस-पास ही रहते है, हालांकि कुछ अपना शिकार खोजने 20 मील की दूरी की यात्रा करते है।
- सभी मच्छर शाम के समय ही बाहर नहीं आते, एशियाई टाइगर मच्छर (Asian Tiger Mosquito) सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच काटने के लिए जाना जाता है।
- मच्छरों को हवा से नफरत है। चूंकि वे केवल 2.5 मिलीग्राम वजन करते है और अपेक्षाकृत उड़ने में कमज़ोर होते है। इसलिए थोड़ी सी भी हवा उन्हें उड़ाने के लिए पर्याप्त होती है। रात में पंखा चलाकर सोना इन घातक प्राणियों से सबसे अच्छा बचाव है।
- 2013 में, शोधकर्ताओं ने अमेरिका के मोंटाना में एक पर्वत श्रृंखला के शैल में दो मच्छरों के जीवाश्मों की खोज की और पाया कि उन प्रागैतिहासिक मच्छरों में और आज के आधुनिक मच्छरों से न्यूनतम अंतर है।
- दुनिया में मच्छरों की 3500 से भी अधिक प्रजातियाँ है। इन प्रजातियों में से लगभग 175 संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में पाई जाती है, जिनमें एनोफिलिस क्वाडरिमैकुलैटस (Anopheles quadrimaculatus), क्यूलेक्स पाइपिनेंस (Culex pipiens), एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीस एल्बोपिकस (Aedes albopictus) सबसे आम है। एनोफिलिस मच्छर (Anopheles) मलेरिया का वाहक है। अन्य तीन प्रजातियाँ इंसेफेलाइटिस (encephalitis) के विभिन्न रूपों को फैलाती है।
- अधिकांश वयस्क मादा मच्छरों का वजन लगभग 1/15,000 औंस या लगभग 2.0 मिलीग्राम होता है।
- मच्छर की सबसे बड़ी ज्ञात प्रजाति टोक्सोर्हिनसाइट्स (Toxorhynchites) है, जिसे ‘एलिफेंट मॉस्किटो’ (Elephant Mosquito) के नाम में भी जाना जाता है। इसकी लंबाई 18 मिमी (0.71 इंच) और पंखों का फैलाव 24 मिमी (0.94 इंच) होता है।
- मच्छर 75 फीट दूर से ही कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का पता लगा लेते है। मनुष्य और अन्य जानवरों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड मच्छरों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि उसका शिकार आस-पास है।
- अध्ययन के अनुसार मोटे व्यक्ति अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते है और उनके शरीर का तापमान अधिक होता है, जो मच्छरों को उनका पता लगाने में मददगार होता है।
- हर मच्छर इंसानों को नहीं काटते। कुछ मच्छर इंसानों को काटने से बचते है। जैसे कुलीसेटा मेलानुरा (Culiseta melanura) शायद ही कभी मनुष्यों को काटता है। वह मुख्य रूप से पक्षियों को काटता है, मच्छर की एक अन्य प्रजाति यूरेनोटेनिया सैफिरिना (Uranotaenia sapphirina) सरीसृप और उभयचरों को काटती है।
- मच्छरों के दांत नहीं होते। मादा मच्छर एक लंबे और नुकीले मुखपत्र (mouthpart) जिसे सूंड (proboscis) कहा जाता है, का इस्तेमाल कर काटती है। सूंड (proboscis) के द्वारा वे त्वचा को छेदने और केशिका (capillary) का पता लगाने का काम करती है। फिर दो ट्यूबों में से एक के माध्यम से रक्त खींचती है।
- मच्छरों के उड़ने की रफ़्तार औसतन 1 से 1.5 मील/घंटा है। इस प्रकार उसके उड़ने की रफ़्तार बहुत कम है। यदि सभी उड़ने वाले जीवों के बीच प्रतिस्पर्धा आयोजित की जाए, तो लगभग हर दूसरा प्रतियोगी मच्छर को हरा देगा, फिर चाहे वो तितली हो, टिड्डा हो या फिर मधुमक्खी।
- अधिकांश मच्छर केवल 2-3 मील तक की उड़ सकते है। एशियाई टाइगर मच्छर जैसी कुछ किस्में केवल 100 गज की दूरी तक ही उड़ सकती है।
- मच्छर अधिक ऊँचाई तक नहीं उड़ सकते। अधिकांश मच्छर केवल 25 फीट तक ही उड़ सकते है। हालांकि, एशियाई टाइगर मच्छर सबसे ऊँची उड़ान भरने वालों में से एक है, जो जमीन से 40 फीट ऊपर तक की उड़ान भर सकता है।
- मच्छर के जीवन चक्र (Mosquito Life Cycle) के 4 चरण है – अंडे, लार्वा, प्यूपा और वयस्क मच्छर।
- जन्म उपरांत मच्छर अपने पहले 10 दिन पानी में बिताते है। अंडों को लार्वा (larvae), जिन्हें विग्लगर्स (wigglers) कहा जाता है, बनने के लिए पानी आवश्यक है। मच्छर के अंडे 5 दिनों में लार्वा में परिवर्तित हो जाते है। मच्छर का लार्वा जलीय जीव है। वे स्थिर जल में कार्बनिक पदार्थों का सेवन करते है और सतह से ऑक्सीजन प्राप्त करते है।
- इसी तरह ओस्ट्रेलिया में भी एलिमिनेट डेंगू प्रोग्राम यानी की डेंगू को खत्म करने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत एसे बेक्टेरिया की मदद ली जा रही है जो मच्छरों के डेंगू फ़ैलाने के वायरस को ही खत्म कर देता है।
Unbelievable & Unknown Facts About Mosquito In Hindi
- मच्छर ठंडे खून वाले जीव है। वे 80 डिग्री से अधिक के तापमान में रहना पसंद करते है। 50 डिग्री से कम तापमान पर हाइबरनेट करते है अर्थात् शीत निंद्रा में चले जाते है।
- मादा मच्छरों का जीवनकाल लगभग 6 से 8 सप्ताह होता है। मादाएं उस दौरान हर तीन दिनों में अंडे देती है। मादा प्रजाति, जो हाइबरनेट करती है, वे 6 माह तक जीवित रह सकती है।
- लार्वा 5 दिनों में प्यूपा (pupae) में विकसित होते है। प्यूपा (pupae) भोजन नहीं करते है और आंशिक रूप से कोकून के अंदर रहते है।
- प्यूपा मात्र 2-3 दिनों में उड़ने वाले वयस्क मच्छरों में बदल जाता है।
- मच्छर लगभग 16 मिलीमीटर लंबे और 2.5 मिलीग्राम वजनी होते है।
- जब मच्छर खून के लिए ज्यादा ही उतावले हो जाते है तो ये कपड़ो में से भी डसने लगते है।
- डेंगू वायरस की उत्पत्ति बंदरों से हुई थी, न कि मच्छरों से 800 साल पहले, डेंगू वायरस बंदरों में उत्पन्न हुआ और मनुष्यों में फैल गया। डेंगू संक्रमित मनुष्य को जब मादा मच्छर काटती है और उनका रक्तपान करती है, तब वे भी संक्रमित जाती है। फ़िर अन्य व्यक्ति के काटकर वे यह वायरस प्रसारित करती है।
- अगर बात करे इतिहास में हुए सभी युद्ध की तो उन सभी लड़ाई को मिलाकर जितनी मौत हुई है इससे कई ज्यादा मौत सिर्फ मच्छर के काटने की वजह से हुई है। इसी से पता चल सकता है कि यह छोटासा जिव कितना घातक है।
- दुनिया में इतने सारे मच्छर मोजूद है कि अगर सारे मच्छरों को मार कर इकठा किया जाए तो 5 किलोमीटर ऊँचा ढेर बन जाएगा।
- हमने पहले ही बात की है कि मच्छरों के काटे जाने से हर साल 10 लाख से भी ज्यादा मौत होती है। उनमें से अफ्रीका में ही मच्छर के काटने की वजह से हर 45 सेकंड में एक इन्सान की मौत हो जाती है।
- मच्छर पृथ्वी पर सबसे घातक जीव है। किसी भी अन्य जानवर की तुलना में पृथ्वी पर मच्छरों द्वारा अधिक मौतें होती है। मच्छर मलेरिया, डेंगू बुखार, पीला बुखार, जीका और इंसेफेलाइटिस सहित कई जानलेवा बीमारियों के वाहक है। मच्छर ‘हार्टवॉर्म’ (heartworm) के भी संवाहक है, जो कुत्ते के लिए घातक होता है।
- विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 250 मिलियन लोग मलेरिया से संक्रमित होते है और लगभग 10 लाख लोगों की मौत इस बीमारी से हो जाती है, इसमें ज्यादातर अफ्रीका के बच्चे होते है। इन मौतों में से लगभग पांचवां हिस्सा नकली मलेरिया-रोधी दवाओं के कारण होता है।
- अगर बात करे इतिहास में हुए सभी युद्ध की तो उन सभी लड़ाई को मिलाकर जितनी मौत हुई है इससे कई ज्यादा मौत सिर्फ मच्छर के काटने की वजह से हुई है। इसी से पता चल सकता है कि यह छोटासा जिव कितना घातक है।
- हमने पहले ही बात की है कि मच्छरों के काटे जाने से हर साल 10 लाख से भी ज्यादा मौत होती है। उनमें से अफ्रीका में ही मच्छर के काटने की वजह से हर 45 सेकंड में एक इन्सान की मौत हो जाती है।
- मच्छर सिर्फ हमको काटते ही नहीं है बल्कि खून चूसने के बाद हमारी तव्चा पर पेसाब भी करते है।
- यदी मादा मच्छर को खून ना मिले तो वो नए बच्चे को जन्म नहीं दे सकती है क्यूंकि उनको अंडे देने के लिए प्रोटीन चाहिए जो वो हमारे खून से प्राप्त करती है।
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