80+ Shocking Facts About Jupiter Planet In Hindi

Facts About Jupiter in Hindi - 

80 Shocking Facts About Jupiter Planet In Hindi

बृहस्पति ग्रह के बारे में चौका देने वाले तथ्य - Jupiter Facts in Hindi

  • 7 दिसंबर 1995 को, Jupiter के वायुमंडल के पहले नमूनों को नासा के Galileo orbiter द्वारा एकत्र किया गया था, यह जांच Jupiter के वायुमंडल में अंतरिक्ष यान के द्वारा 200 किमी तक अंदर जाकर की गई थी और यह जाँच अंतरिक्ष यान के नष्ट होने से पहले 58 मिनट तक चली।
  • बृहस्पति का चुंबकीय क्षेत्र सूर्य की ओर 600,000 से 2 मिलियन मील तक फैला हुआ है। यह अपार चुंबकीय क्षेत्र अपने ध्रुवों पर शानदार aurora बनाता है।
  • जुपिटर पर सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे छोटा दिन होता है। ये अपनी धुरी पर हर 9 घंटे 55 मिनट में घूमता है। जल्‍दी-जल्‍दी घूमने के चक्‍कर में ये थोड़ा चपटा नजर आता है।
  • बृहस्पति ग्रह को देखने के लिए किसी यंत्र की जरूरत नही होती। इसे हम खुली आंखो से देखा जा सकता है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह का निर्माण सबसे पहले के ग्रहों में हुआ होगा। इसका अध्ययन करने पर पृथ्वी की संरचना और दूसरी चीजों के बारे में जानकारी मिल सकती है।
  • बृहस्पति ग्रह पर जब सूर्य की पराबैंगनी किरणें गिरती है तो यह अपना रंग बदल लेता है।
  • बृहस्पति ग्रह के बादलों में अमोनिया क्रिस्टल और अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड होते है। इस वजह से बृहस्पति ग्रह नारंगी और भूरे रंग का दिखाई पड़ता है।

Facts About Jupiter Planet In Hindi

  • बृहस्पति ग्रह का द्रव्यमान (Mass) 1,898,103 खरब किलोग्राम है।
  • इसका भूमध्य रेखीय व्यास 142,984 (88846 miles) किलोमीटर है।
  • बृहस्पति ग्रह का ध्रुवीय व्यास 133,709 किलोमीटर है।
  • बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा है। इसके सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समुंदर है। जिसमें पूरी पृथ्वी से ज्यादा पानी है।
  • 7वीं या 8वीं शताब्दी की प्रजाति Babylonians ने सबसे पहले इस ग्रह को देखा था। इसका नाम रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया है।
  • बृहस्पति हमारी आकाश गंगा का सबसे बड़ा ग्रह है, यह इतना बड़ा है की यदि शेष सभी ग्रह को आपस में जोड़ दिया जाये तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति से छोटा ही रहेगा।
  • बृहस्पति के उपग्रह आईओ (IO) में कई सक्रिय ज्वालामुखी है। आईओ (IO) की पीली-नारंगी सतह ज्वालामुखी विस्फ़ोट से निकले सल्फ़र के कारण है।
  • बृहस्पति (Jupiter) पर अपने अक्ष पर मात्र 3.13 डिग्री झुका हुआ है। इस कारण पृथ्वी और मंगल जैसे ग्रहों की तरह यहाँ मौसम नहीं होते।
  • रिपोर्ट की माने तो बृहस्पति के Great Red Spot (GRS) को सबसे पहले रॉबर्ट हुक द्वारा 1664 देखा गया माना जाता है, फिर 1665 में गियोवन्नी कैसिनी द्वारा। हालांकि यह अब भी विवादस्पद है।
  • बृहस्पति पर सबसे पहला अंतरिक्ष यान 3 दिसंबर 1973 को भेजा गया था, जिसका नाम ‘Pioneer 10’ था।
  • सूर्य के सामने बृहस्पति का आकार मटर के दाने जितना है। अनुमान अनुसार सूर्य में लगभग 1000 बृहस्पति आसानी से समा सकते है।
  • यदि बृहस्पति 80% और बड़ा हो जाये, तो यह ग्रह न रहकर तारा बन जायेगा।
  • 36. बृहस्पति को जोव (Jove) के नाम से भी जाना जाता था, जो प्राचीन रोम में आकाश और बादलों के देवता तथा ‘देवताओं के राजा’ (King Of God) माने जाते थे।
  • बृहस्पति के केंद्र का तापमान लगभग 24,000 डिग्री सेल्सियस (43,000 डिग्री फेरनहाइट) है, जो सूर्य की सतह से भी अधिक गर्म है। केंद्र के विपरीत बृहस्पति का बाहरी आवरण अत्यंत ठंडा है, जिसका औसतन तापमान लगभग -148 डिग्री सेल्सियस रहता है।
  • बृहस्पति के 79 चंद्रमा (उपग्रह) है, जिनमें से 53 का नामकरण किया जा चुका है। शेष 26 उपग्रह अधिकारिक रूप से नामकरण किये जाने की प्रतीक्षा में है। बृहस्पति के उपग्रहों को जोवियन उपग्रह (Jovian satellites) भी कहा जाता है। बृहस्पति के चार सबसे बड़े उपग्रह गैनीमेड (Ganymede), कैलिस्टो (Callisto), आईओ (IO) और यूरोपा (Europa) है।

Facts About Jupiter For Kids

  • बृहस्पति ग्रह को एक तारा बनने के लिए 65% और बड़ा होना पड़ेगा।
  • बृहस्पति ग्रह को सबसे पहले गैलीलियो ने 1610 ई० में दूरबीन की मदद से खोजा था। उस समय ऐसा माना जाता था कि सभी ग्रहों के केंद्र में पृथ्वी स्थित है। सभी ग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करते है। उन्होंने यह पाया कि बृहस्पति ग्रह के कई उपग्रह (चंद्रमा) लगातार अपना स्थान बदलते रहते है।
  • बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का ‘वैक्युम क्लीनर’ भी कहा जाता है। यह पृथ्वी को विनाशकारी हमलों से बचाता है।
  • ब्रहस्पति ग्रह की कोई जमीन नहीं है। यह पूरी तरह गैस के बादलों से बना हुआ ग्रह है।
  • बृहस्पति ग्रह पर आज तक 7 अंतरिक्षयान भेजें जा चुके है।
  • बृहस्पति ग्रह पर अभी तक कुल 9 अंतरिक्ष यानो को भेजा जा चुका है– Pioneer 10 , Pioneer 11, Voyager 1 & Voyager 2, Galileo, Ulysses, Cassini-Huygens, New Horizons और Juno.
  • बृहस्पति ग्रह पर अधिक मात्रा में गैस के बादल पाए जाते है।
  • बृहस्पति ग्रह एक ठंडा ग्रह है। इस का औसत तापमान -145 डिग्री सेल्सियस है।
  • बृहस्पति के आंतरिक भाग में तीन क्षेत्र शामिल है, पहली एक चट्टानी कोर है जोकि ठोस तत्वों से बनी है, दूसरी विद्युत प्रवाहकीय तरल हाइड्रोजन की एक परत है और तीसरे क्षेत्र में हीलियम के साथ साधारण हाइड्रोजन होता है, जो ग्रह के वायुमंडल में संक्रमण करता है।
  • विज्ञानिको द्वारा यूरेनस और नेपच्यून गृह को बर्फ का दिग्गज माना गया है और बृहस्पति और शनि गृह को गैस का दिग्गज माना जाता है।

बृहस्पति ग्रह के बारे में रोचक तथ्य - Interesting facts about Jupiter planet in Hindi

  • आकाश में रेडियो तरंगे उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत Jupiter है, इसकी रेडियो तरंगें पृथ्वी पर भी प्राप्त होती है, लेकिन ज्यादातर मनुष्यों के लिए श्रव्य स्तर से नीचे है।
  • NASA के विज्ञानिको द्वारा बृहस्पति गृह का ऊपरी वातावरण Cloud Belt और Zone में विभाजित किया गया है। जिसके तहत ये एरिया मुख्य रूप से अमोनिया क्रिस्टल, सल्फर और दो यौगिकों के मिश्रण से बना है।
  • Jupiter Planet पर भी शनि गृह की तरह छल्ले बने हुए है, लेकिन ये छल्ले नाममात्र ही दिखाई देते है।
  • बृहस्पति गृह के छल्ले Cloud Top से ​​लगभग 92,000 किलोमीटर ऊपर से शुरू होता है और ग्रह से 225,000 किमी से अधिक तक फैला है।
  • जुपिटर पर पाए जानें वाला लाल धब्बा दरअसल एक बड़ा तूफान है जो कम से कम 350 सालों से ऊफान पर है। ये तूफान इतना ज्‍यादा बड़ा है कि इसमें तीन पृथ्‍वी समा सकती है।
  • सोलर सिस्‍टम का चौथा सबसे ज्‍यादा चमकने वाला ग्रह है। इसके अलावा जो अन्‍य ग्रह चमकते है वो है सूरज, चांद और वीनस।
  • बृहस्पति ग्रह पर 90% हाइड्रोजन 10% हिलियम, मिथेन, पानी, अमोनिया गैसे पाई जाती है। यह गैस और चट्टानों के मिश्रण से बना हुआ है।
  • मेसोपोटामिया निवासी बृहस्पति को मर्दुक (Marduk) कहते थे और इसे बेबीलोन शहर का संरक्षक मानते थे।
  • Europa moon भी बृहस्पति के चंद्रमाओं में से एक है जिस पर विज्ञानिको का दावा है की इस चंद्रमा पर जीवन की संभावनाएं हो सकती है।
  • Jupiter Planet के वातावरण में मनुष्य एक पल भी नहीं जी सकता और इस गृह पर इंसानो के लिए सांस लेना भी असंभव है। इसी कारण विज्ञानिको द्वारा इस ग्रह पर जीवन तलाश के लिए योजनाओ को बनाया जाना असंभव है।
  • बृहस्पति में मंगल जैसे अन्य ग्रहों की कक्षा को बदलने की क्षमता है और इसका मुख्य कारण इसका वजन है।
  • जुपिटर ग्रह सबसे पुराने ग्रहों में से एक है जुपिटर के जरिये पृथ्वी की उत्पति के बारे में पता लगाया जा सकता है।

Facts About Jupiter Moons In Hindi

  • जूपिटर का मैग्नेटिक फील्ड बहुत मजबूत होता है। यदि हम जूपिटर के सतह पर खड़े हो जाए तो हमारा वजन अपने असली वजन से 3 गुना ज्यादा होगा।
  • बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 11 गुना भारी और इसका द्रव्यमान 317 गुना ज्यादा है।
  • बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा, गैनीमेडे, हमारे पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है।
  • अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा।
  • ब्रहस्पति ग्रह पर एक विशाल गड्ढा है। जिसमें से आग की लपटे निकलती रहती है। जिससे यह विशाल लाल धब्बे जैसा दिखाई देता है।
  • गैलीलियो ने बृहस्पति ग्रह के चार उपग्रह- गैनीमेडे, यूरोपा, आयो और कैलिस्टो की खोज की थी।
  • बृहस्पति ग्रह का मौसम अस्थिर है। यह पृथ्वी की तरह शांत नहीं है। यहां पर तेज हवाएं चलती है, जिनकी गति 360 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
  • इसकी सूर्य से दूरी 77 करोड़ 83 लाख 40 हजार 821 किलोमीटर है।
  • बृहस्पति ग्रह का 1 साल पृथ्वी के 11.86 साल के बराबर होता है।
  • सूर्य से दूरी के अनुसार बृहस्पति सौर मंडल का पाँचवा ग्रह है।
  • बृहस्पति का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 318 गुना और सौरमंडल के सभी ग्रहों के संयुक्त द्रव्यमान का 2.5 गुना है।
  • सूर्य से बृहस्पति की दूरी 77 करोड़ 80 लाख किलोमीटर है।
  • सूर्य (Sun) के प्रकाश को बृहस्पति तक पहुँचने में 43 मिनट का समय लगता है।
  • बृहस्पति के उपग्रहों में सबसे बड़ा उपग्रह गैनीमेड (Ganymede) सौरमंडल का भी सबसे बड़ा उपग्रह है। गैनीमेड (Ganymede) आकार में बुध ग्रह से भी बड़ा है। गैनीमेड का व्यास लगभग 5268 किमी है।
  • गैनीमेड (Ganymede) सौरमंडल का एकमात्र उपग्रह है, जिसका अपना चुंबकीय क्षेत्र है।
  • Galilean Satellites का सबसे छोटा उपग्रह यूरोपा (Europa) है। 
  • शनि ग्रह की तरह बृहस्पति पर भी वलय (ring) है। ये वलय शनि के वलयों की तरह बर्फ़ीले न होकर धूल के कणों से निर्मित है और अपेक्षाकृत धुंधले है। बृहस्पति ग्रह के चार वलय (Ring) है : 1) Halo Ring 2) Main Ring 3) Amalthea Gossamer Ring 3) Thebe Gossamer R. इन वलयों का पता सबसे पहले 1979 में NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager-1 द्वारा लगाया गया था। बृहस्पति के वलय बादलों के लगभग 92,000 किलोमीटर ऊपर से प्रारंभ होकर 225,000 किमी तक विस्तृत है।
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